बिजली चोरी करने पर क्या जुर्माना लगता है और क्या सजा मिलती है: – बिजली विभाग के लिए वित्तीय नुकसान होने का सबसे बड़ा कारण बिजली चोरी होता है। जिस कारण बिजली विभाग के लिए बिजली चोरी एक बहुत ही बड़ी समस्या बन चुकी है। इस समस्या से निपटने हेतु भारत सरकार के द्वारा 2003 में इलेक्ट्रिसिटी एक्ट भी लाया गया था। जिसके तहत बिजली चोरी करने वाले व्यक्ति पर सजा के प्रावधान बनाए गए थे। यदि आप लोग नहीं जानते कि बिजली चोरी करने वाले व्यक्ति पर क्या जुर्माना लगता है? तो हमारे द्वारा आप सभी को यहां लेख में इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है।
भारत के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के साथ-साथ शहरी क्षेत्र में बिजली चोरी के कैसे बढ़ते जा रहे है। बिजली चोरी को रोकने हेतु बिजली विभाग की टीम के द्वारा समय-समय पर बिना जानकारी के छापे मारे जाते हैं। छापे मारने से जो व्यक्ति बिजली चोरी करते हुए पकड़ा जाता है। उस पर एफआईआर दर्ज कर मुकदमा जारी किया जाता है। । इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक पढ़े।
बिजली चोरी पकडे जाने पर जुर्माना कितना लगता है?
मीटर में छेड़छाड़ करना, केबल में कट लगाना और बिजली की खंभे पर तार डालकर बिजली की चोरी करना एक बहुत बड़ा अपराध होता है। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 2003 में विद्युत एक्ट बनाया गया था। जिसमें धारा 135 और धारा 138 के अंतर्गत जुर्माना और जेल की सजा उपस्थित होती है। बिजली चोरी करने पर लोगों को पेनल्टी फाइन के साथ-साथ 3 साल की सजा भी भुगतनी पड़ सकती है।
बिजली चोरी करने पर कितने रुपए का फाइन पड़ेगा। यह बात पूरी तरह से विभिन्न बातों जैसे:- भारत के किस राज्य में चोरी का कैसे पकड़ा गया है, चोरी के समय मीटर लोड कितना था और चोरी करने का तरीका क्या था। आदि पर निर्भर करती है। इसीलिए भारत सरकार द्वारा इन बातों पर सबसे पहले ध्यान दिया जाता है।
यही कारण है कि कई बार ऐसा होता है कि किसी व्यक्ति का बिजली चोरी का जुर्माना ₹20 से ₹30000 होता है और किसी व्यक्ति का लाखों में होता है। भारत के अंतर्गत उपस्थित विभिन्न राज्यों में बिजली यूनिट अलग-अलग हो सकती है। जिस वजह से हर राज्य में बिजली चोरी का जुर्माना भी अलग-अलग होता है। यदि कोई व्यक्ति चोरी करने के बारे में सोचता है, तो उसे यह संपूर्ण जुर्माना भुगतना पड़ता है।
बिजली चोरी का जुर्माना कैसे निर्धारित किया जाता है?
बिजली चोरी करते हुए पकड़े जाने पर यदि आप जानना चाहते हैं कि आपको कितना जुर्माना भरना पड़ेगा। तो इसके लिए आपको कुछ फैक्टर के बारे में जानकारी प्राप्त करनी होगी।
जिसके द्वारा बिजली विभाग अधिकारी के द्वारा किसी भी व्यक्ति का जुर्माना निर्धारित किया जाता है। नीचे दिए गए फार्मूले के अनुसार यूनिट को निकाला जाता है, उसके बाद उस राज्य की यूनिट कीमत के अनुसार फाइनल पेनल्टी निकल जाती है। यह फार्मूला निम्न प्रकार है-
Unit = L × D × H × F
- L :- यहां पर L का मतलब लोड से संबंधित होता है। छापे के दौरान भी यदि बिजली चोरी पकड़ी जाती है। उस समय मीटर का क्या लोड होता है? इसका निर्धारण छापा मारने वाले अधिकारी के द्वारा किया जाता है। यह संपूर्ण लोड किलोवाट में होता है।
- D :- यहां पर D से मतलब होता है। डेज यानी कि दिन जितने दिन भी बिजली चोरी की जाती है। उस सब का हिसाब यहां लिया जाता है। आपका संपूर्ण निर्धारण भी बिजली चेकिंग करने वाले अधिकारी के द्वारा किया जाता है। अधिकतम दिनों की संख्या इसके अंतर्गत 365 दिन ली जा सकती है।
- H :- H का इस्तेमाल यहां पर आर्ट यानी कि घंटे के लिए होता है जिस क्षेत्र में बिजली चोरी पकड़ी जाती है। उस क्षेत्र में औसतन कितने घंटे बिजली सप्लाई होती है। वह संख्या इस जगह पर लिखनी होती है।
- F :- एफ का मतलब लोड फैक्टर होता है। जिसकी अधिकतम संख्या एक ही ली जा सकती है। बिजली कनेक्शन के द्वारा बिजली चोरी की जाती है, वह डोमेस्टिक है या फिर कमर्शियल कनेक्शन है। कनेक्शन कितने किलो वाट का है? और इलेक्ट्रिसिटी चोरी करने का क्या तरीका होता है। यह सभी कारक लोड फैक्टर के द्वारा निर्धारित किए जाते हैं। लोड फैक्टर को भी निर्धारित करने का कार्य डिवीजन, सब डिवीजन और विजिलेंस अधिकारी जिसने भी छापा मारा है, उसके द्वारा किया जाता है।
बिजली चोरी पर कौन सी धारा लगती है?
- बिजली चोरी करने पर लोगों के खिलाफ एफआईआर और बिजली चोरी एक्ट के तहत धारा 135 और धारा 138 के आधार पर कार्यवाही की जाती है।
- जिन लोगों का कोई भी बिजली कनेक्शन नहीं होता है और वह खंभे या लाइन से कटिया डालकर बिजली चोरी करने का कार्य करते हैं। उन पर धारा 138 के तहत जुर्माना और सजा हेतु कार्यवाही की जाती है।
- परंतु जिन लोगों का बिजली कनेक्शन होता है और वह फिर भी बिजली बिल कम आने के लिए मीटर से छेड़छाड़, रिमोट, कटिया डालकर बिजली की चोरी करते हैं और पकड़ जाते हैं, तो उन पर धारा 135 के तहत कार्यवाही होती है।
बिजली चोरी करने पर कितने साल की जेल होती है?
- जो लोग पहली बार बिजली चोरी करते हुए पकड़े जाते हैं। उन्हें जुर्माना या 3 साल तक की जेल या फिर दोनों सजा प्राप्त हो सकती हैं।
- परंतु जो लोग एक से अधिक बार बिजली चोरी करते हुए पकड़े गए हैं। उन लोगों को कम से कम 6 महीने की जेल और अधिकतम 6 साल तक की जेल होने की संभावना होती है।
- या फिर उन लोगों को ₹10000 तक का जुर्माना होता है, परंतु कहीं-कहीं ऐसा होता है कि जुर्माना भी अधिक हो देना पड़ता है और जेल की सजा भी काटनी पड़ती है।
- किसी भी व्यक्ति को बिजली चोरी करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसको संपूर्ण सजा कोर्ट के द्वारा सुनाई जाती है।