बिजली बिल में एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट क्या होता है?: – ऐसे हम सभी को अपनी बिजली बिल में एडिशनल सिक्योरिटी नाम से एक्स्ट्रा चार्ज देखने को मिलता है। बिजली बिल के अंतर्गत एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट को देखकर बोलता है की असहज महसूस की गई। यदि आप लोगों को एडिशनल सेक्रेटरी पी से संबंधित कोई भी जानकारी नहीं है तो हमारे द्वारा बताया गया इस आर्टिकल में बिजली बिल में एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट क्या होता है इसकी पूरी जानकारी विस्तार रूप से दी जा रही है।
जिसपर गा टेक्नोलॉजी का भी बढ़ता जा रहा है उसी के चलते हमारे घर है। इलेक्ट्रिक उपकरणों कोई बढ़ोतरी हो रही है जिसका सीधा असर हमारे बिजली बिल पर देखने को मिलता है। या तो हम हम सभी जानते हैं कि मध्यवर्गीय परिवार के लिए बिजली बिल उनके बजट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। जब उनकी माँ से खपत से अलग उसके बिजली में कोई डिपॉजिट होता है तो या परेशानी का कारण बन जाता है। यही कारण है कि हमारे द्वारा ये आर्टिकल में बताए गए बिजली बिल में एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट।क्या होता है इसके पूरे दी जा रही है।
बिजली बिल में एडिशनल सिक्योरिटी डिपाजिट क्या होता है
आप सभी को सबसे पहले यहां बिजली बिल में एडिशनल सिक्योरिटी डिपाजिट क्या होता है इसके बारे में बताया जा रहा है। हम लोग बिजली बिल का नया कनेक्शन लेते हैं। तब हमें सिक्योरिटी डिपाजिट जमा करना पड़ता है। जो की बिजली बंद होने के बाद हमें वापस प्रदान कर दिया जाता है। यह सिक्योरिटी डिपॉजिट बिजली कंपनियों के द्वारा अपने प्रत्येक उपभोक्ता से बिजली के नए कनेक्शन पर लिया जाता है।
आज के समय में जो बिजली बिल में एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट आता है। वह भी एक सिक्योरिटी डिपाजिट है। जिसे कंपनियों के द्वारा पुराने उपभोक्ताओं से भी लिया जाता था। यह एडिशनल सिक्योरिटी डिपाजिट भी उपभोक्ताओं को बिजली बंद करने के बाद वापस दे दिया जाएगा।
इसलिए यदि आपके बिजली बिल में एडिशनल सिक्योरिटी डिपाजिट लिखा हुआ आता है, तो आपको इसे देखकर परेशान होने की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि यह एक प्रकार का सिक्योरिटी डिपाजिट ही होता है। इसलिए आपको एडिशनल सिक्योरिटी डिपाजिट से परेशान होने की आवश्यकता नहीं होती है।
एडिशनल सिक्योरिटी डिपाजिट क्यों लगता है?
इंडिया के अंतर्गत दो प्रकार के बिजली कनेक्शन होते हैं। एक पोस्टपेड और एक प्रीपेड। एडिशनल सिक्योरिटी डिपाजिट केवल पोस्टपेड बिजली कनेक्शन के लिए ही दिया जाता है क्योंकि इसके अंतर्गत हम पहले बिजली का इस्तेमाल करते हैं। उसके बाद ही बिजली बिल जमा करते हैं। आज के समय में भारत के अंतर्गत अधिकतर पोस्टपेड बिजली कनेक्शन ही है। इसीलिए आज के समय में उपभोक्ताओं को बिजली बिल के अंतर्गत एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट जुड़ा हुआ मिलता है।
बिजली कंपनियों के द्वारा नया कनेक्शन लेने पर एडिशनल सिक्योरिटी डिपाजिट लिया जाता है, तो अब अलग से एडिशनल सिक्योरिटी डिपाजिट लेने का क्या मतलब होता है आपको बता दें बिजली का दाम समय के साथ-साथ बढ़ता जा रहा है। बिजली के बढ़ते इस्तेमाल से उपभोक्ताओं का बिल भी बढ़ रहा है। इसलिए बिजली कंपनियों के द्वारा एडवांस्ड सिक्योरिटी डिपॉजिट के जरिए उपभोक्ताओं को डिपॉजिट बढ़ाया जा रहा है।
आप लोगों को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट एक सिक्योरिटी डिपाजिट होता है, जो बिजली बंद होने के बाद आपको वापस कर दिया जाता है। हालांकि बहुत कम उपभोक्ताओं के द्वारा कनेक्शन बंद कराया जाता है। यही कारण है कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट के खिलाफ बहुत से प्रोटेस्ट हो रहे हैं क्योंकि इसकी वजह से मध्यवर्गीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बिजली बिल में कैसे और कितना एडिशनल सिक्योरिटी जुड़कर आता है?
एडिशनल सिक्योरिटी डिपाजिट प्रत्येक उपभोक्ता के बिल में एक समान जुड़कर नहीं आता है। किसी के बिल में यह सिक्योरिटी डिपाजिट ₹100 आता है, तो किसी के बिल में ₹500 या ₹600 आता है। आपका एडिशनल सिक्योरिटी बिल आपके पिछले महीना के बिलों पर निर्भर करता है।
आपके घर का अंतिम 12 महीने का जो बिजली बिल आया होता है। उसके औसतन के हिसाब से 45 दिन का जितनी भी बिल राशि होती है। उसी के आधार पर आपका एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट लिया जाता है। आपके बिजली कनेक्शन के समय पर लिया गया सिक्योरिटी बिल आपके इस 45 दिन की बिल राशि से जितना कम होता है, उतना ही एडिशनल सिक्योरिटी डिपॉजिट लिया जाता है। है