UP बिजली चोरी fir कोम्पौन्डिंग फी कितनी लगती है | UP Bijali Fir Compounding & Calculation Details 25

नमस्कार दोस्तों आज के आर्टिकल में हम बात करेंगे कि अगर आप उत्तर प्रदेश से हैं और आपके पास घरेलू कनेक्शन, दुकान का कनेक्शन, आटा चक्की मिल का कनेक्शन या कृषि कनेक्शन है और आप बिजली चोरी करते हुए पकड़े जाते हैं, तो इसके लिए सख्त कार्रवाई की जाती है। बिजली चोरी के मामले में जुर्माना और सजा का प्रावधान होता है। इसके अलावा, अगर आप बाईपास करके बिजली का उपयोग करते हैं, तो उसे भी अवैध माना जाता है और ऐसे मामलों में सजा दी जाती है। इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी

अगर आपके पास बिजली का कनेक्शन नहीं है और आप चोरी से बिजली का उपयोग कर रहे हैं, तो इस स्थिति में भी आपको जुर्माना लगाया जाता है। इसके अलावा, अगर आपकी बिजली सप्लाई ड्यूज (बकाया राशि) के कारण काट दी गई है और फिर भी आप बिना भुगतान किए बिजली का उपयोग कर रहे हैं, तो इस स्थिति में भी आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाती है।

एफआईआर क्यों दर्ज की जाती है और इसके हिसाब से कैसे कैलकुलेशन किया जाता है, यह विभागीय नियमानुसार तय किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति के खेत में बिजली चोरी पकड़ी जाती है, तो विद्युत चोरी निरोधक पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जाती है। इसके बाद, जिस व्यक्ति का परिचय पर चोरी पकड़ी जाती है, उसे चेकिंग रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने होंगे और रिपोर्ट की प्रति प्राप्त करनी होगी।

यदि एफआईआर का कैलकुलेशन आपके अनुसार सही नहीं लगता है, तो आप आपत्ति उठा सकते हैं। अगर किसी कारणवश मौके पर चेकिंग रिपोर्ट नहीं प्राप्त हो पाती है, तो आप संबंधित अधिकारी से रिपोर्ट की छाया प्रति प्राप्त कर सकते हैं इस प्रकार, यदि आप बिजली चोरी करते हुए पकड़े जाते हैं, तो आपके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और एफआईआर दर्ज की जाएगी

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विद्युत चोरी के उपकरणों के बारे में भारतीय विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 152 के तहत सख्त कार्रवाई की जाती है। यदि कोई व्यक्ति विद्युत चोरी करता है, तो उसे जुर्माना और सजा दी जाती है। उदाहरण के लिए, विद्युत चोरी की गणना करने के लिए विभिन्न कारकों को ध्यान में रखा जाता है, जैसे चोरी के समय, उपयोग की गई बिजली की मात्रा, और कनेक्शन का प्रकार।

यदि आपका कनेक्शन घरेलू है, तो विद्युत चोरी का हिसाब लगाने के लिए अलग-अलग मानदंड होते हैं। छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए यह मानक 0.5 होता है, जबकि बड़े उद्योगों के लिए यह 0.75 तक हो सकता है। इसके अलावा, चोरी किए गए बिजली के प्रयोग की अवधि, जैसे कि कितने घंटे और कितने दिन तक चोरी की गई बिजली का उपयोग किया गया, इसकी भी गणना की जाती है।

विद्युत चोरी पकड़े जाने पर, एफआईआर दर्ज की जाती है और आरोपी को जुर्माना और सजा का सामना करना पड़ता है। रिपोर्ट में यह भी शामिल होता है कि चोरी की गई बिजली की मात्रा और संबंधित जुर्माना कितना है। अगर किसी कारण से रिपोर्ट मौके पर उपलब्ध नहीं हो पाती है, तो आप संबंधित अधिकारी से रिपोर्ट की छायाप्रति प्राप्त कर सकते हैं।

अंत में, यदि कोई व्यक्ति विद्युत चोरी करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे निर्धारित जुर्माना और सजा दी जाती है, और मामले की जांच की जाती है।

घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक कनेक्शन के लिए बिजली के चार्ज विभिन्न कारकों पर निर्भर करते हैं, जैसे कि कनेक्शन का प्रकार, खपत, क्षेत्रीय नियम, और स्थानीय बिजली वितरण कंपनी की नीति। आमतौर पर, इन कनेक्शनों के लिए चार्ज अलग-अलग होते हैं। यहां इन तीन प्रकार के कनेक्शनों के लिए चार्ज की सामान्य जानकारी दी गई है

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घरेलू कनेक्शन

  • वाटेज/लोड: घरेलू कनेक्शन आमतौर पर कम लोड वाले होते हैं। जैसे कि छोटे इलेक्ट्रिक उपकरणों के लिए।
  • चार्ज: घरेलू कनेक्शन के लिए बिजली का शुल्क आमतौर पर प्रति यूनिट (किलोवाट-घंटा) के हिसाब से लिया जाता है। यह शुल्क एक निश्चित सीमा तक सस्ता होता है।
  • सहूलत: सरकारी सब्सिडी भी उपलब्ध हो सकती है, जो विशेष रूप से कम खपत करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए लाभकारी होती है।

व्यावसायिक कनेक्शन

  • वाटेज/लोड: व्यावसायिक कनेक्शन में अधिक लोड होता है क्योंकि इनका उपयोग व्यवसायिक गतिविधियों के लिए किया जाता है, जैसे दुकानें, रेस्टोरेंट्स, छोटे ऑफिस आदि।
  • चार्ज: व्यावसायिक कनेक्शन के लिए बिजली का शुल्क घरेलू कनेक्शन से अधिक होता है। इसका शुल्क प्रति यूनिट और लोड के आधार पर निर्धारित किया जाता है। यह शुल्क आमतौर पर घरेलू कनेक्शन की तुलना में अधिक होता है।
  • सहूलत: व्यावसायिक कनेक्शन में कोई खास सब्सिडी नहीं होती, और शुल्क की दरें उच्च होती हैं।

औद्योगिक कनेक्शन

  • वाटेज/लोड: औद्योगिक कनेक्शन में सबसे अधिक लोड होता है, क्योंकि यह बड़े पैमाने पर उत्पादन, मैन्युफैक्चरिंग, या फैक्ट्रियों के लिए इस्तेमाल होते हैं।
  • चार्ज: औद्योगिक कनेक्शन के लिए बिजली का शुल्क बहुत अधिक होता है, और यह प्रति यूनिट अधिक दर पर लिया जाता है। इसके अलावा, कुछ औद्योगिक कनेक्शनों के लिए शिखर लोड और ऑफ-पीक घंटे के आधार पर भी शुल्क में अंतर हो सकता है।
  • सहूलत: औद्योगिक कनेक्शन में कभी-कभी अधिकतम लोड, शिखर समय, और पावर फैक्टर जैसे मानकों को ध्यान में रखते हुए शुल्क तय किया जाता है। कुछ क्षेत्रों में औद्योगिक कनेक्शन के लिए खास डिस्काउंट या प्रोत्साहन योजनाएं भी हो सकती हैं।

कम्पाउंडिंग फीस (Compound Fee) वह शुल्क है जो विद्युत चोरी के मामलों में चोरी के अपराध को सुधारने या निपटाने के लिए भुगतान किया जाता है। इस शुल्क को ऑनलाइन जमा करने की प्रक्रिया राज्य और वितरण कंपनी के नियमों पर निर्भर करती है। हालांकि, अधिकांश राज्य विद्युत कंपनियां ऑनलाइन भुगतान की सुविधा प्रदान करती हैं। निम्नलिखित कदमों का पालन करके आप अपनी कम्पाउंडिंग फीस ऑनलाइन जमा कर सकते हैं

  • सबसे पहले, संबंधित राज्य या क्षेत्रीय विद्युत वितरण कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
  • वेबसाइट के मुख्य पृष्ठ पर ‘बिल भुगतान’ या ‘ऑनलाइन भुगतान’ (Online Payment) का विकल्प ढूंढें
  • इसे क्लिक करें और फिर ‘कम्पाउंडिंग फीस’ या ‘फाइन’ (Penalty) से संबंधित विकल्प ढूंढें
  • आपकी कंपाउंडिंग फीस की राशि वेबसाइट द्वारा प्रस्तुत की जाएगी। इसे ठीक से जांच लें
  • अपनी पसंदीदा भुगतान विधि चुनें और आवश्यक जानकारी भरकर भुगतान पूरा करें।
  • भुगतान सफल होने के बाद, आपको एक रसीद (Receipt) प्राप्त होगी। इसे डाउनलोड करें और सहेजकर रखें।
  • कुछ मामलों में, आपको ऑनलाइन भुगतान की रसीद संबंधित विद्युत विभाग के कार्यालय में प्रस्तुत करने की आवश्यकता हो सकती है, ताकि कंपाउंडिंग फीस की प्रक्रिया पूरी हो सके।
  • यदि आपको ऑनलाइन भुगतान में कोई समस्या आती है या आपको कोई रसीद प्राप्त नहीं होती, तो आप संबंधित विभाग के कस्टमर केयर या हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं
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