What is a Solar Panel | सोलर पैनल कैसे बनाया जाते हैं

सोलर पैनल क्या है : – बिजली हमारे रोज़मर्रा के जिन जीवन की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुकी है इसलिए विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए नव करणीय प्रक्रिया तेजी से काम हो रहा है। वित्त ऊर्जा आम तौर पर कोयला या पानी जैसी चीजों पर बनती थी मगर इसे खत्म होने का खतरा है। जिस वजह से विद्युत ऊर्जा का ऐसा नवीकरण किया गया जिससे सौर ऊर्जा और हवा जैसी कभी न खत्म होने वाली चीजों से बिजली बनाने की प्रक्रिया। शुरू हो गई। वर्तमान समय में इस नवीकरण प्रक्रिया में सौर ऊर्जा से विद्युत बनाने की प्रक्रिया लोकप्रिय है। जब हम सौर ऊर्जा से विद्युत बनाने हैं तो इसके लिए जिस यंत्र की आवश्यकता होती है। उसे सोलर पैनल कहा जाता है। आपने जरूर अपने रोजमर्रा  जीवन में सोलर पैनल शब्द सुना होगा। मगर क्या आप जानते हैं सोलर पैनल क्या है सोलर पैनल कैसे काम करता है और यह ऐसी कौन सी वस्तु सोलर पैनल के अंदर होती है जिस वजह से ऊर्जा विद्युत ऊर्जा परिवर्तन होता है।

वर्तमान समय में भारत हर राज्य के छोटे से छोटे क्षेत्र सुविधा पहुंचाने के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस वजह से यह आवश्यक हो गया है कि सोलर पैनल क्या है सोलर पैनल अच्छा है या बुरा है इससे कैसे पहचानते हैं इसकी समझ हर व्यक्ति तक पहुंचे। इस वजह से आज इस आर्टिकल में हम आपको सोलर पैनल से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी विस्तारपूर्वक देंगे।

आर्टिकल का प्रकारसोलर पैनल क्या है
राज्यसभी राज्यों के लिए
सोलर पैनल बनाने वाली कंपनीटाटा, ल्यूमिनस, पतंजलि, माइक्रोटेक
केंद्र सरकार सोलर पैनल ऊर्जा पोर्टलhttps://solarrooftop.gov.in/

    सोलर पैनल एक यंत्र है जो सेमी कंडक्टर की मदद से सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने का कार्य करता है। यह एक ऐसा उपकरण होता है जिससे कार्य करने के लिए डीजल पेट्रोलियम जैसे किसी भी प्रकार के ईंधन की आवश्यकता नहीं होती। यह केवल सूर्य की रौशनी से ऊर्जा पर काम करता है।

    सूरज की रौशनी से विद्युत ऊर्जा की उत्पत्ति हो सकती है। इसका सबसे पहले पता विलफ्लि स्मिथ  ने 1873 में लगाया था। उसके कुछ सालों बाद फ्रांस के वैज्ञानिक एडमंड बैकेलल  ने पहली बार सोलर पैनल नाम के शब्द को सबसे सक्षम रखा। और एक उपकरण से सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करके दिखाया।

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          सोलर पैनल बहुत सारे सोलर सेल से मिलकर बनता है उस सोलर सेल में सिलिकॉन जैसे सेमीकंडक्टर होते हैं जिसे खास तरीके से अरेंज किया जाता है और कुछ अन्य पदार्थ जैसे फास्फोरस के साथ मिलाकर एक सेल का निर्माण किया जाता है। ताकि जब उस सेल पर सूरज की रौशनी गिरे तो इलेक्ट्रॉन अपनी कक्ष से बाहर जा सके और विद्युत ऊर्जा का निर्माण कर सकें। सोलर पैनल इस्तेमाल होने वाले सोलर सेल फोटोवोल्टिक इफेक्ट पर काम करता है।

          एक सोलर सेल के अंदर ग्लास, EVA, बैकशीट और फ्रेम जैसे अलग-अलग प्रकार की चीजें होती है जो एक साथ मिलकर एक सोलर पैनल का निर्माण करती है। सोलर पैनल को आप घर में तैयार कर सकते हैं मगर उसके काफी कम विद्युत ऊर्जा उत्पन्न होगा।

          सबसे पहले आप जिस घर के लिए सोलर पैनल की सुविधा लेना चाहते हैं उसका अच्छे से निदर्शक करें अर्थात उस जगह को चुनें जहाँ दिन के वक्त उचित सूर्य ऊर्जा मिलती हो। आप अपने छत का वह हिस्सा चुनें जहाँ सूर्य ऊर्जा मिलती हो और उसके बाद नीचे दिए गए निर्देश का अनुसार पालन करें :-

          1. सबसे पहले ऊंची जगह पर आपको एक उचित स्थान ढूँढ़ना है जहाँ आप सोलर पैनल रख सके और वहाँ से तार को पूरा घर में लेकर जाना है।
          2. आपके चुने हुए स्थान पर से तार लेकर पूरे घर में जाइए। अब जितने यंत्र को सोलर पैनल पर चलाना चाहते हैं उनके साथ लगाने वाले उचित दर को जोड़ते हुए पूरे घर में वायरिंग के लिए।
          3. सोलर पैनल को उस स्थान पर रखें जहाँ से अपने तार निकाला था। ध्यान रहे सोलर पैनल से जाने के दौरान कही टकराना नहीं चाहिए यहाँ बहुत ही नाजुक होता है।
          4. सोलर पैनल को रखकर चेक करेगी। कहीं उसके ऊपर छाये तो नहीं आ रही किसी भी प्रकार का छाया सोलर पैनल पर नहीं पड़ना चाहिए। इनके ऊपर सूरज की रौशनी सीधी गिरने चाहिये।
          5. अगर आप सोलर पैनल को अपने छत की दीवार पर फिट करना चाहते हैं तो इसके लिए सोलर पैनल की लंबाई और चौड़ाई नापकर दीवाल पर रखकर गड्ढा कर ले और wall mounted stand इसकी मदद से सोलर पैनल को दीवाल पर फिट करें।
          6. आप अब आपको एक 6MM के WIRE को MC4 कनेक्टर के साथ जोड़ से देना है। ध्यान रखिये कि वायार इतना लम्बा हो की भविष्य में कभी अगर सोलर पैनल को पोजिशन को चेंज करना पड़े तो इस वायर से काम हो जाए।
          7. अब सोलर पैनल के वायर को इन्वर्टर और बैटरी के साथ जोड़ देना है। सोलर पैनल के वायर बैटरी के साथ और बैटरी के वायर को इन्वर्टर के साथ कनेक्ट करने के बाद चार्ज कंट्रोलर को इनपुट को घर के पावर सर्किट में छोड़ दे, इसके बाद घर में इस्तेमाल हुए इन्वर्टर वायर को इन्वर्टर के आठ फुट में डाल दें।
          8. अब इसके बाद आपको अपने घर का मेन पावर बोर्ड या पावर सर्किट ओपन करना है और इनवर्टर से जुड़े हुए तार को यह कनेक्ट करना है ताकि लाइट के जाने पर भी सोलर कनेक्शन लिया हुआ है। हर इक्विपमेंट  अपने आप चलने लगे।
          9. अब आपको घर काम मेन MCB गिरा देना है और उसके बाद इन्वर्टर को चालू करना है। अगर आपका कनेक्शन सही तरीके से जुड़ा हुआ है तो MCB गिरे रहने के बावजूद आपका कनेक्शन दिया हुआ उपकरण से अच्छे से काम करेगा।
          10. सभी कनेक्शन निर्देशानुसार पूरा होने के बाद साफ सफाई करके अपने सोलर पैनल का इस्तेमाल करना शुरू करें।

              सोलर पैनल बहुत सारे छोटे-छोटे सोलर सेल से बने हुए होता है। एक सोलर पैनल में सिलिकॉन की परत होती है जिससे फॉस्फोरस नेगेटिव चार्ज पैदा करने के लिए और बोरोन पॉज़िटिव चार्ज पैदा करने के लिए होता है। इसी तरह बहुत सारे सोलर सेल आपस में मिलकर एक बड़ा सा सोलर पैनल बनाते हैं।

              आजकल कार्बन के कुछ पदार्थ का इस्तेमाल करके भी सोलर पैनल बनाया जा रहा है जो सोलर पैनल में आई एक नवीकरण प्रक्रिया है। इस तरह के अलग-अलग प्रक्रियाओं से भी सोलर पैनल बनाया जाता है। मगर वर्तमान समय में सबसे प्रचलित सोलर पैनल सिलिकॉन की परत से तैयार किया जाता है।

              अब सोलर पैनल खरीदना चाहते हैं तो हम आपको बता दें कि भारत में सोलर पैनल बनाने वाली अलग-अलग प्रकार की कंपनी है। उनमें से भारत की सबसे प्रचलित कंपनियां कुछ निम्न है –

              1. TATA SOLAR
              2. LUMINOUS SOLAR
              3. MICROTEK SOLAR
              4. VIKRAM SOLAR
              5. WAAREE SOLAR
              6. PATANJALI SOLAR

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